इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पैनल का हर एक इनफॉरमेशन मिलेगा हम सभी सोलर पैनल का नाम अच्छे से जानते हैं, क्या आप जानते हैं कि सोलर सोलर पैनल किस-किस चीजों में काम करता है सोलर पैनल को लाने का मकसद क्या था इसका क्या महत्व है इस आर्टिकल में हमने सोलर पैनल को लेकर सारी जानकारी दी है ।
Solar panel
आज भी कुछ गांव में ऐसे लोग रहते हैं जिन्हें सोलर पैनल का नाम तक नहीं पता है, और काम तो बिल्कुल ही नहीं पता है । तो हम आपको बता दें की सोलर पैनल चार तरह के होते हैं । पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, बाइफेशियल सोलर पैनल, हाफ कट मोनो पर्क सोलर पैनल। इसका प्रयोग बिजली के तौर पर किया जाता है। सौर पैनल सोलर सेलों को जोड़कर बनाया जाता है।
सोलर सेल अर्ध चालक (Semiconductor Solar Cell) मटेरियल के बने होते हैं। यह सूर्य के प्रकाश के फोटोन को अवशोषित करते हैं। सोलर सेल वह युक्ति है जो सूर्य की किरणों को विद्युत ऊर्जा में बदलती है। सोलर सेल अधिकतर सिलिकॉन अर्धचालक के बने होते है। सोलर पैनल में सोलर सेलों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि कुल विभवांतर ऊर्जा और कुल विद्युत ऊर्जा काफी बढ़ जाती है।
सोलर पैनल ऐसे क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं जहाँ बिजली नहीं है लेकिन सूर्य का प्रकाश तो हर क्षेत्र में उपलब्ध होता ही है। तो ऐसे क्षेत्रों में भी सोलर पैनल का उपयोग करके बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन करना हमारी प्रकृति के वातावरण को भी शुद्ध रखता है।
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
यह सोलर पैनल नीले रंग का दिखाई पड़ता है और यह छोटे-छोटे टुकड़े से जुड़ा हुआ नजर आता है सोलर पैनल को बहुत ही काम लागत में तैयार किया जाता है दूसरे सोलर पैनल के मुताबिक ।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन सौर सेल का निर्माण ज़ोक्राल्स्की विधि नामक विधि का उपयोग करने में किया जाता है, जिसमें सिलिकॉन के एक ‘बीज’ क्रिस्टल को उच्च तापमान पर शुद्ध सिलिकॉन के पिघले हुए टब में रखा जाता है।
बाइफेशियल सोलर पैनल दोनों और से विद्युत का उत्पादन करने वाला सोलर पैनल होता है। इन्हें विशेष प्रकार के p और n सिलिकॉन सेलों से बनाया जाता है। इसके द्वारा सूर्य से प्राप्त होने वाली प्रत्यक्ष किरणों से भी एवं पृष्ठ भाग से Albedo Light (सतह पर टकराकर वापस आने वाला प्रकाश) से भी बिजली का उत्पादन किया जाता है।
हाफ-कट सौर सेल तकनीक कोशिकाओं के आकार को कम करने सौर पैनलों के ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाती है, जिससे पैनल पर अधिक फिट हो सकते हैं।.